Monday, January 5, 2009

वार्षिक राशिफल

वार्षिक राशिफल मेष

मेष

देवगुरु बृहस्पति की कृपा से पिछले साल की तुलना में यह वर्ष अच्छा बीतेगा। इष्टदेव की अर्चना, तीर्थयात्रा, दान-पुण्य से भाग्योदय होगा। आत्मविश्वास बढेगा। किसी नई योजना का निर्माण करेंगे। संतान-सुख मिलेगा। अधूरा काम पूरा होगा। शनि शुभ-अशुभ मिश्रित फलदायक रहेगा। मई से राहु-केतु कार्य क्षेत्र में विघ्न-बाधा तथा मानसिक तनाव देंगे। स्वामी कार्तिकेय की आराधना करें एवं मध्यमा अंगुली में चांदी की अंगूठी में लाजवर्त धारण करें।

वृष

इस वर्ष शनि की ढैय्या समस्यायें उत्पन्न करके चिन्तायें देगी। कलह-क्लेश से बचें तथा क्रोध के आवेश में कोई निर्णय न लें अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। काले घोडे की नाल का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें। देवगुरु बृहस्पति की प्रतिकूलता किसी संकट का संकेत कर रही है। गुरुवार का व्रत करें और केले के वृक्ष की जड रेशमी कपडे में लपेट कर हाथ में बांधें। राहु-केतु मिले-जुले फल देंगे।

मिथुन

इस वर्ष शनिदेव आप पर प्रसन्न रहेंगे। पुरुषार्थ से कार्य सिद्ध होगा। यात्राओं से लाभ होगा। प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। विरोधी परास्त होंगे। समस्याओं का समाधान मिलेगा। देवगुरु बृहस्पति का आशीर्वाद मिलने से तकदीर चमकेगी। सुख-समृद्धि बढेगी। इच्छा पूर्ण होगी। परिवार में आनन्द-मंगल रहेगा। कुंवारों का विवाह होगा। मई से राहु-केतु पीडाजनक रहेंगे। चांदी की अंगूठी में लाजवर्त जडवा कर मध्यमा अंगुली में पहनें।

कर्क

आप अभी भी शनि की साढे-साती में हैं। उतरता हुआ शनि विशेष अशुभ फल देता है, अत: प्रत्येक कार्य सावधानीपूर्वक करें तथा किसी भी प्रकार का कोई जोखिम न लें। क्रोध न करें तथा विवाद से बचें। स्वजनों से सामंजस्य बनायें। शनिवार के दिन हनुमानजी के दर्शन-पूजन तथा सुंदरकाण्ड के पाठ से शनिकृत पीडा कम होगी। देवगुरु बृहस्पति और राहु-केतु की प्रतिकूलता भी चिंताजनक है। महामृत्युंजय मंत्र से ग्रहों का अरिष्ट दूर होगा।

सिंह

शनि की साढेसाती का दुर्योग अभी आधा ही बीता है। तन-मन पर छाई शनि की छाया को दूर करने के लिए प्रत्येक शनिवार छाया-दान करें। पीपल के वृक्ष को सीचें, उसकी सात परिक्रमा करके उसके नीचे दीपक जलायें। राशि के स्वामी सूर्यनारायण को नित्य अ‌र्घ्य देकर उनकी आराधना करने से शक्ति बढेगी और सोया हुआ आत्मविश्वास जगेगा। देवगुरु बृहस्पति की सहायता से बिगडे काम बनेंगे। मई से राहु आपका मददगार साबित होगा।

कन्या

साढेसाती में चढता हुआ शनि आपके लिए रोज कोई न कोई समस्या पैदा करेगा। आमदनी की अपेक्षा खर्च बढ जाने से हाथ तंग रहेगा। घरेलू परेशानियों से चित्त अशान्त रहेगा। सतर्क होकर काम करें अन्यथा धोखा हो सकता है। नाव की कील का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें तथा कौओं नित्य रोटी का टुकडा डालें। देवगुरु बृहस्पति की अप्रसन्नता मानसिक तनाव बढायेगी। गुरुवार के दिन पांच केलों का दान करें। राहु-केतु मिश्रित फल देंगे।

तुला

इस वर्ष शनि की मदद से काम बनेंगे। महत्वाकांक्षा पूर्ण होने से हर्ष होगा। आर्थिक लाभ का अवसर आएगा। स्वजनों से सहयोग मिलेगा। समय का सदुपयोग करें तथा जरूरी कामों को निबटाएं। देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न होकर वरदान देंगे। इससे तकदीर का सितारा चमकेगा। लेकिन राहु-केतु बीच-बीच में बाधा उपस्थित करेंगे। अतएव विघ्नविनाशक गणेश की आराधना करें। संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखें। यह वर्ष यादगार सिद्ध होगा।

वृश्चिक

इस वर्ष शनि आपकी अग्नि-परीक्षा लेगा। चित्त का उच्चाटन होने से मन की एकाग्रता भंग होगी। स्वभाव में चिडचिडापन आएगा। दिनचर्या व्यवस्थित करें। परिवार तथा कार्यालय में मतभेद से बचें। क्रोध न करें और संयम से काम लें। देवगुरु बृहस्पति की अनुकम्पा से समय-समय पर बिगडी बात बनेगी। समस्याओं का समाधान होगा। राहु-केतु इस वर्ष मिले-जुले फल देंगे। राशि के स्वामी मंगल के दिन व्रत रखें। गाय की सेवा से शांति मिलेगी

धनु

इस वर्ष शनिदेव आपको व्यर्थ की काफी दौड-धूप करायेंगे। धन-श्रम के अपव्यय से मन दु:खी होगा। यात्रा में सावधानी बरतें। योजना खूब सोच-विचार कर बनायें। जल्दबाजी से नुकसान होगा। देवगुरु बृहस्पति की स्वराशि में स्थिति से तीव्र ऊर्जा उत्पन्न होगी, जिसका सही प्रयोग करें। कार्यभार की अधिकता से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। राहु-केतु की प्रतिकूलता समस्याजनक रहेगी। भगवान दत्तात्रेय की उपासना करें।

मकर

इस वर्ष शनि की ढैय्या (शनि-कण्टक योग) का दुष्प्रभाव कष्ट देगा। किसी अप्रिय घटना की आशंका है। प्रत्येक कार्य सतर्क होकर करें अन्यथा मान-सम्मान को आघात पहुंच सकता है। भावुकता को छोडकर यथार्थवादी बनें। गुस्से में कोई फैसला न लें। शेयर बाजार से दूर रहें। देवगुरु बृहस्पति की प्रतिकूलता हानि देगी। राहु-केतु की अशुभता मुसीबत बढा सकती है। भगवान भैरवनाथ की आराधना तथा रुद्राभिषेक से शन्ति मिलेगी।

मीन

शनिदेव के कृपापात्र बनकर आप इस वर्ष शत्रुओं और समस्याओं पर विजय प्राप्त करेंगे। बडे से बडा विरोधी आपके समक्ष नतमस्तक होगा। काफी समय से रुका हुआ कोई विशेष कार्य पूरा होगा। जीवन को एक नई दिशा मिलेगी। किन्तु राशि के स्वामी बृहस्पति के इस वर्ष आपके पक्ष में न होने से आंशिक लाभ ही हाथ आएगा। लक्ष्मीनारायण की आराधना से मनोकामना पूर्ण होगी। राहु-केतु सामयिक सहायता देंगे। दीन-दुखियों को भोजन करवायें।