Tuesday, September 8, 2009

अक्टूबर सन् 2009

1 अक्टूबर: प्रदोष व्रत, रक्तदान दिवस, व्यतिपात महापात देर रात 3.26 से

2 अक्टूबर: गाँधी एवं शास्त्री जयंती, व्यतिपात महापात प्रात: 7.40 तक

3 अक्टूबर: शरद् पूर्णिमा व्रतोत्सव, सत्यनारायण पूजा-कथा, कोजागरी, लक्ष्मी-पूजा (बंगाल), महारास पूर्णिमा (ब्रज), कुमार पूर्णिमा (उडीसा), पीर मत्स्येन्द्रनाथ उत्सव (उज्जैन), श्रीबाँकेबिहारी द्वारा मोर-मुकुट और कटि-काछनी तथा वंशी को धारण करना (वृंदावन), पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत. जैन), Succoth-First day of Tabernacles (Jewish)

4 अक्टूबर: स्नान-दान की आश्विनी पूर्णिमा, महर्षि वाल्मीकि जयंती, कार्तिक स्नान-नियमादि प्रारम्भ, ब्रज-परिक्रमा शुरू, डाकोर-मेला (गुजरात), लवंग पुनिम (जम्मू-कश्मीर), आकाश दीप-दान शुरू, अग्र महाकुम्भ (अग्रोहा)

5 अक्टूबर: दामोदर मास प्रारंभ, कार्तिक में दाल त्याग दें, अशून्य शयन व्रत

7 अक्टूबर: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, करवाचौथ व्रत, उर्स अमीर खुसरो

8 अक्टूबर: दशरथ चतुर्थी, वायुसेना दिवस, अवतार मेहेर बाबा जयंती

9 अक्टूबर: स्कन्द षष्ठी व्रत, कोकिला पंचमी (जैन), रोहिणी व्रत (दिग. जैन)

11 अक्टूबर: कालाष्टमी, अहोई अष्टमी व्रत, दाम्पत्याष्टमी, श्रीराधाकुण्ड-स्नान (मथुरा), कराष्टमी, बहुला अष्टमी, जयप्रकाश नारायण जयंती, Last day of Succoth-Simhath Torah (Jewish) 12 अक्टूबर: डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति दिवस, पुष्य नक्षत्र-मुहू‌र्त्त

14 अक्टूबर: रमा एकादशी व्रत, वैधृति महापात दिन 1.35 से सायं 5.40 तक

15 अक्टूबर: गोवत्स द्वादशी, प्रदोष व्रत, धनत्रयोदशी (धनतेरस), धन्वन्तरि जयंती, यमपंचक प्रारम्भ, कामेश्वरी जयंती, गोत्रिरात्र प्रारम्भ, वसु द्वादशी व्रत

16 अक्टूबर: मासिक शिवरात्रि व्रत, नरकहरा चतुर्दशी (नरका चौदस), काली चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी, यम-तर्पण, श्रीहनुमान जयंती व्रतोत्सव (हनुमानगढी-अयोध्या), धूमावती जयंती (तांत्रिक पंचांगानुसार)

17 अक्टूबर: दीपावली महोत्सव, श्रीगणेश-लक्ष्मी की स्थापना एवं पूजा, कुबेर-पूजन, अ‌र्द्धरात्रि में काली (श्यामा) पूजा, कमला महाविद्या जयंती, सुखरात्रि-जागरण, गौरी-केदार व्रत, अभ्यंग स्नान, पितृ-श्राद्ध की अमावस, महावीर स्वामी निर्वाणोत्सव (जैन), स्वामी रामतीर्थ जन्म एवं पुण्यतिथि, स्वामी दयानंद स्मृति दिवस, कौमुदी दीपम् (द.भा.), सूर्य की तुला-संक्रान्ति मध्याह्न 11.20 बजे, पुण्यकाल प्रात: 7.20 से अपराह्न 3.20 तक, गोदावरी में स्नान-दान, शनैश्चरी अमावस्या, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत. जैन), गोत्रिरात्र पूर्ण

18 अक्टूबर: अन्नकूट महोत्सव, गोव‌र्द्धन-पूजा, बलि-पूजन, सायं गो-क्रीडा, गो-संवर्धन सप्ताह प्रारम्भ, द्यूत-क्रीडा, स्नान-दान की अमावस्या

19 अक्टूबर: नवीन चन्द्र-दर्शन, अपराह्नव्यापिनी द्वितीया में भ्रातृ द्वितीया (भैय्यादूज), यमद्वितीया-स्नान (मथुरा), चित्रगुप्त-पूजा, विश्वकर्मा-पूजन, महावीर निर्वाण सम्वत् 2536 प्रारम्भ, नेपाली सम्वत् 1130 प्रारम्भ, गुजराती नवसम्वत्सर 2066 प्रारम्भ, यमपंचक समाप्त, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जैन)

20 अक्टूबर: भ्रातृ द्वितीया (मतांतर से), आचार्य श्रीतुलसी जन्मदिवस (जैन)

21 अक्टूबर: वरदविनायक चतुर्थी व्रत

22 अक्टूबर: तीन दिन का सूर्यषष्ठी व्रत प्रारम्भ, छठ पूजा शुरू-नहाय खाय

23 अक्टूबर: सौभाग्य-लाभ पंचमी, ज्ञान पंचमी (जैन), छठ का खरना, सूर्य सायन वृश्चिक राशि में मध्याह्न 12.14 बजे, सौर हेमन्त ऋतु प्रारम्भ

24 अक्टूबर: सूर्यषष्ठी व्रत-छठपूजा (बिहार, झारखण्ड), प्रतिहारषष्ठी व्रत (मिथिलांचल), डाला छठ (काशी), स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत

25 अक्टूबर: षष्ठी व्रत का पारण, भानु सप्तमी (सूर्यग्रहणतुल्य), जगद्धात्री पूजा तीन दिन (बंगाल), सहस्त्रार्जुन जयंती, जैन चौमासी अट्ठाई प्रारम्भ, संत जलाराम बप्पा जयंती, सामापूजा प्रारम्भ (मिथिला)

26 अक्टूबर: श्रीदुर्गाष्टमी, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, गोपाष्टमी-गोपूजा एवं श्रृंगार, गो-संवर्धन सप्ताह पूर्ण, गोपाल अष्टमी (जम्मू-कश्मीर), श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जैन)

27 अक्टूबर: अक्षयनवमी व्रत, आँवला नवमी, मथुरा-वृंदावन परिक्रमा, सत्ययुगादि तिथि, कूष्माण्ड नवमी, अनला नवमी (उडीसा), विष्णुत्रिरात्र प्रारम्भ, श्रीहंस भगवान एवं सनकादि जयंती, सर्वेश्वर प्रभु का प्राकट्योत्सव (निम्बार्क), वेद-संस्थापना दिवस, अयोध्या-परिक्रमा, व्यतिपात महापात दोपहर 2.02 से सायं 7.04 तक

28 अक्टूबर: आशा दशमी, कंस-वध लीला (मथुरा)

29 अक्टूबर: श्रीहरि-प्रबोधिनी एकादशी व्रत, देवोत्थान उत्सव, विष्णुत्रिरात्र पूर्ण, ईख रस-प्राशन, चातुर्मास व्रत-नियम समाप्त, भीष्मपंचक प्रारम्भ, तुलसी-विवाहोत्सव शुरू, संत नामदेव जयंती, कालीदास जयंती, सोनपुर मेला शुरू (बिहार), तीन वन-परिक्रमा (ब्रजमण्डल)

30 अक्टूबर: तिथिवासर प्रात: 7.48 तक, दामोदर द्वादशी, श्यामबाबा द्वादशी-ज्योति, मेला खाटूश्याम (राजस्थान), गरुड द्वादशी (उडीसा), चातुर्मास व्रत का पारण

31 अक्टूबर: शनि-प्रदोष व्रत (पुत्रार्थियों के लिए), सरदार पटेल जयंती, श्रीराधावल्लभलाल का पाटोत्सव (वृंदावन), Halloween (Christian)

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Thursday, September 3, 2009

गणेशजी की कृपा में ये सहायक हैं * लाल व सिंदूरी रंग प्रिय है। * दूर्वा के प्रति विशेष लगाव है। * चूहा इनका वाहन है। * बैठे रहना इनकी आदत है। * लिखने में इनकी विशेषज्ञता है। * पूर्व दिशा अच्छी लगती है। * लाल रंग के पुष्प से शीघ्र खुश होते हैं। * प्रथम स्मरण से कार्य को निर्विघ्न संपन्ना करते हैैं। * दक्षिण दिशा की ओर मुँह करना पसंद नहीं है। * चतुर्थी तिथि इनकी प्रिय तिथि है। * स्वस्तिक इनका चिन्ह है। * सिंदूर व शुद्ध घी की मालिश इनको प्रसन्ना करती है। * गृहस्थाश्रम के लिए ये आदर्श देवता हैं। * कामना को शीघ्र पूर्ण कर देते हैं।
इस बार 15 दिन का श्राद्ध पक्ष मान्यता और परंपरा के अनुसार श्राद्घ पक्ष को सोलह दिन का माना जाता है, लेकिन पंचांग तिथियों की घट-बढ़ के कारण इसके दिन कम-ज्यादा होते रहते हैं। इस वर्ष श्राद्घ पक्ष पंद्रह दिन का रहेगा। अनंत चतुर्दशी के बाद पूर्णिमा से शुरू होने वाला श्राद्घ पक्ष सर्वपितृ अमावस्या को पूर्ण होता है। इसमें पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक के बीच सोलह तिथियों के अनुसार श्राद्घ किया जाता है। इस बार दो तिथियों के एक साथ आने के कारण श्राद्घ पक्ष पंद्रह दिन (4 से 18 सितंबर तक) का होगा। यह स्थिति द्वादशी और त्रयोदशी (16 सितंबर) को एक साथ होने से निर्मित हुई है। ज्योतिषाचार्य और पंडितों के अनुसार तिथियों के क्षय होने या बढ़ने से श्राद्घ पक्ष के दिन कम-ज्यादा होते हैं। इसका मान्यता और परंपराओं पर कोई खास असर नहीं होता है।

Wednesday, September 2, 2009

नवरतन क़ोरमा

सामग्री * 9 तरह की सब्ज़ियाँ (आलू, गाजर, मटर, टमाटर, फूलगोभी, प्याज़, पत्ता-गोभी, लौकी और गवार फली) शोरबे के लिए-- * कद्दूकस किया हुआ पनीर 150 ग्राम * 2 प्याज कद्दूकस किए हुए * अदरक पिसा हुआ डेढ़ चम्मच * लहसुन पिसा हुआ डेढ़ चम्मच * नमक स्वादानुसार * हल्दी एक छोटा चम्मच * कश्मीरी लाल मिर्च पिसी हुई 15 ग्राम (एक बड़ा चम्मच) * धनिया पिसा 30 ग्राम (दो बड़े चम्मच) * ज़ीरा पिसा 15 ग्राम (एक बड़ा चम्मच) * गरम मसाला पिसा 25 ग्राम (डेढ़ बड़ा चम्मच) * तेल 6 बड़े चम्मच * घी 1 बड़ा चम्मच * 1 प्याला पानी * बारीक कटा हरा धनिया और दो बड़े चम्मच क्रीम सजावट के लिए विधि * आलू, गाजर, फूलगोभी, लौकी और गवार फली को बड़े टुकड़ों में काटें, नमक हल्दी और लाल मिर्च और एक चम्मच दही के साथ लपेटकर एक घंटे तक रखें और धीमी आँच पर गलने तक पकाएँ। * एक फैले पैन में तेल गरम करें, टमाटर के बड़े टुकड़े इसमें डालें नमक छिड़कें अच्छी तरह मिलाएँ। ध्यान रखें टमाटर पानी न छोड़ दे और उसका आकार ख़राब न हो लेकिन उस पर सेंकने का रंग आ जाए। * प्याज़ लगभग एक इंच की लें उसमें पतले सिरे पर धनाकार चीरा लगाएँ ध्यान रखें प्याज़ दूसरे सिरे से जुड़ा रहे, चार टुकड़े न हो जाए। इसे भी टमाटर की तरह पकाएँ। * पत्ता-गोभी के पत्ते उतार लें। कोमल पत्तों के दो इंच चौड़े टुकड़े करें और उसको उँगली पर लपेटकर रोल का आकार दें और इसी तरह बनाए रखने के लिए टूथपिक लगा दें। इसे भी टमाटर की तरह पकाएँ और अलग रखें। * मटर को ज़ीरा डाल कर छौंकें, नमक छिड़कें और नरम होने तक पकाएँ। * प्रमाणिक नवरतन क़ोरमा के लिए सब सब्ज़ियों को अलग अलग पकाना चाहिए और नमक लगाने से जो पानी निकला है उसके अतिरिक्त जहाँ तक हो सके पानी नहीं डालना चाहिए। आँच पर ऐसा नियंत्रण रखना चाहिए जिससे तैयार होने पर किसी सब्ज़ी में पानी न रहे। * मोटी तली वाले एक बड़े बर्तन में तेल गरम कर लें और प्याज़, अदरक लहसुन को सुनहरे होने तक भूनें। * थोड़े पानी के साथ घोलकर हल्दी, धनिया, मिर्च, ज़ीरा और गरम मसाला डालें। * तेल अलग होने तक भूनें। * पानी डालें। गाढ़ा होने तक पकने दें। * पनीर डाल कर अच्छी तरह मिला लें। * सुगंध के लिए घी मिलाएँ। * परोसते समय किसी फैले बर्तन में सब सब्ज़ियाँ सजाएँ ऊपर से गाढ़ा शोरबा इस तरह डालें कि सब्ज़ियों पर यह लिपट तो जाए पर सब्ज़ियाँ इसमें डूबें नहीं। * हरे धनिये से सजाकर गरम गरम परोसें।

हिन्दुओं में कोई पैगम्बर नहीं है

ईसामसीह ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं । हजरत मुहम्मद इस्लाम के पैगम्बर माने जाते हैं । किन्तु हिन्दुत्व का न तो कोई प्रवर्तक है और न ही पैगम्बर । हिन्दुत्व एक उद्विकासी व्यवस्था है जिसमें विभिन्न मतों के सह-अस्तित्व पर बल दिया गया है । किसी को किसी एक पुस्तक में लिखी बातों पर ही विश्वास कर लेने के लिए विवश नहीं किया गया है । हिन्दू धर्म में फतवा जारी करने की कोई व्यवस्था नहीं है । यह उदारता और सहनशीलता पर आधारित धर्म है ।

Tuesday, September 1, 2009