Thursday, October 29, 2009

नवम्बर सन् 2009

मासिक ग्रह-वाणी 1, 8, 9,17,18, 27, 28 नवम्बर को अग्नितत्वीय मेष, सिंह, धनु राशियों के लिये ह्न 1, 2, 3, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 29, 30 नवम्बर को पृथ्वीतत्वीय वृष, कन्या, मकर राशियों के लिये ह्न 4, 5, 12, 13, 14, 22, 23 नवम्बर को वायुतत्वीय मिथुन, तुला, कुम्भ राशियों के लिये ह्न 6, 7, 14, 15, 16, 24, 25, 26 नवम्बर को जलतत्वीय कर्क, वृश्चिक, मीन राशियों के लिये ग्रह-स्थिति प्रतिकूल है। इन दिनों कोई महत्वपूर्ण कार्य न करें। संयम रखें और सतर्क रहें।

Thursday, October 8, 2009

नवम्बर सन् 2009

1 नवम्बर: वैकुण्ठ चतुर्दशी व्रत, श्रीकाशीविश्वनाथ-प्रतिष्ठा दिवस, सिद्धवट-यात्रा एवं हरि-हर मिलन (उज्जैन),चौमासी चौदस, पाक्षिक प्रतिक्रमण (जैन)

2 नवम्बर: स्नान-दान-व्रत की कार्तिक पूर्णिमा, गंगा-स्नान, देव-दीपावली (काशी), निम्बार्क जन्मोत्सव 5105 वाँ, गुरु नानक जयंती- नानकशाही सम्वत् 541 शुरू, रासपूर्णिमा (गौडीय वैष्णव), स्वामी कार्तिकेय दर्शन-पूजन, पुष्कर-स्नान (राजस्थान), शिप्रा-स्नान एवं श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जैन), केदार व्रत (उडीसा), श्रीसत्यनारायण पूजा-कथा, सोनपुर मेला समाप्त (बिहार), भीष्मपंचक समाप्त, सामा-विसर्जन (मिथिलांचल), कार्तिक-स्नान पूर्ण, तुलसी-विवाहोत्सव पूर्ण, सिद्धाचल-यात्रा, श्रीपा‌र्श्वनाथ-रथयात्रा (जैन)

3 नवम्बर: गोप (मार्गशीर्ष) मास प्रारम्भ, कात्यायनी देवी की मासपर्यन्त पूजा

4 नवम्बर: रोहिणी व्रत (दिग. जैन) 5 नवम्बर: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत

7 नवम्बर: वीड पंचमी-श्रीमनसादेवी शयन एवं श्रीविषहरा पूजा (मिथिलांचल), अन्नपूर्णा माता का 16 दिवसीय व्रत प्रारम्भ (काशी), रथोत्सव पंचमी (जैन) 8 नवम्बर: वैधृति महापात देर रात 3.55 से

9 नवम्बर: कालभैरवाष्टमी (कालाष्टमी), भैरव जयंती व्रतोत्सव, श्रीकालभैरव दर्शन-पूजन (काशी, उज्जयिनी), अष्टका श्राद्ध, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जैन), वैधृति महापात प्रात: 8.55 तक

10 नवम्बर: प्रथमाष्टमी (उडीसा), अनला नवमी (उडीसा), अन्वष्टका नवमी

11 नवम्बर: श्रीमहावीर स्वामी दीक्षा कल्याणक (जैन)

12 नवम्बर: उत्पन्ना एकादशी व्रत (स्मार्त), वैष्णवों का दूसरे दिन व्रत

14 नवम्बर: शनि-प्रदोष व्रत, नेहरू जयंती, संत ज्ञानेश्वर समाधि उत्सव

15 नवम्बर: मासिक शिवरात्रि व्रत, बिरसा मुण्डा जयंती (झारखण्ड), पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत. जैन)

16 नवम्बर: स्नान-दान-श्राद्ध की सोमवती अमावस्या, सूर्य की वृश्चिक-संक्रान्ति दिन में 11.11 बजे, पुण्यकाल सूर्योदय से पूर्वाह्न 11.11 तक, संकल्प में 'हेमन्त ऋतु' का प्रयोजन प्रारम्भ, श्रीमहाकाल की सवारी (उज्जैन)

17 नवम्बर: मार्तण्डभैरव षट्रात्र प्रारम्भ (महाराष्ट्र), रुद्रवत (पीडिया), लाला लाजपतराय बलिदान दिवस

18 नवम्बर: नवीन चन्द्र-दर्शन

19 नवम्बर: हज सफर शुरू (मुस.), महारानी लक्ष्मीबाई जयंती, इंदिरा गाँधी जन्मदिवस, एकता दिवस, स्वामी अखण्डानंद का निर्वाणोत्सव

20 नवम्बर: वरदविनायक चतुर्थी व्रत

21 नवम्बर: श्री सीता-राम विवाहोत्सव (मिथिलांचल, अयोध्या), विहार पंचमी- श्रीबाँकेबिहारी का प्राकट्योत्सव (वृंदावन), नागपंचमी (दक्षिण भारत), श्रीपंचमी व्रत, व्यतिपात महापात रात्रि 12.49 से

22 नवम्बर: स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, सुब्रह्मण्यम षष्ठी (गुहषष्ठी-दक्षिण भारत), श्रीअन्नपूर्णा माता का धान से श्रृंगार (काशी), सूर्य सायन धनु राशि में प्रात: 9.53 बजे, खण्डेराव-सवारी, व्यतिपात महापात प्रात: 7.37 तक

23 नवम्बर: चम्पाषष्ठी, मार्तण्ड भैरवोत्थापन, सत्यसाईबाबा जन्मदिवस, मूलकरूपिणी षष्ठी (बंगाल), अन्नपूर्णा-व्रत प्रारम्भ (गुजरात)

24 नवम्बर: मित्र सप्तमी, भक्त नरसिंह मेहता जयंती, त्रिदिवसीय कात्यायनी महापूजा प्रारम्भ, गुरु तेगबहादुर शहीदी 25 नवम्बर: श्रीदुर्गाष्टमी, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, बुधाष्टमी पर्व (सूर्यग्रहणतुल्य)

26 नवम्बर: नन्दिनी नवमी, जैन दिवाकर चौथ की पुण्यतिथि (स्था. जैन), Thanks giving day (Christian)

27 नवम्बर: दशादित्य व्रत, हज (मुस.)

28 नवम्बर: मोक्षदा एकादशी व्रत, वैकुण्ठ एकादशी (दक्षिण भारत), मौनी ग्यारस (जैन), श्रीमद्भगवद्गीता जयंती, ईद-उल-जुहा (बकरीद)

29 नवम्बर: अखण्ड द्वादशी, व्यंजन द्वादशी, धन द्वादशी (उडीसा), प्रदोष व्रत, श्यामबाबा द्वादशी-ज्योति, First Sunday in advent (Christian)

30 नवम्बर: भरणी दीपम् (दक्षिण भारत), अनंग त्रयोदशी व्रत, St. Andrews day (Christian)

Friday, October 2, 2009

क्रिया की प्रतिक्रिया होती है

हिन्दू धर्म कहता है कि यदि आप दूसरों को सुख देने का यत्न करेंगें तो प्रतिक्रिया स्वरूप आपको भी सुख प्राप्त होगा । यदि आप दूसरों को दु:ख देंगे तो आपको भी दु:ख मिलकर रहेगा । किये गये पापों से मुक्त होने का एक ही उपाय है, अधिक से अधिक पुण्य का अर्जन कीजिए । दुष्कर्मों के परिणाम भोगने से बचने का एक ही उपाय है कि अधिक से अधिक सुकर्म कीजिए । हम जो भी शुभाशुभ कर्म करते है उसका अनजान में मन पर प्रभाव पड़ता है और वह हमारा संस्कार बन जाता है । कुसंस्कार हमें अकल्याणकर और पाप-कर्म की ओर प्रेरित करता है और सुसंस्कार हमें कल्याणकर और पुण्य कर्मों की ओर ले जाता है । दुष्कर्म का जितना अधिक संचय होगा, एक दिन उसकी प्रतिक्रिया उतनी ही भयंकर होगी । एक गुण्डे, आतंकवादी या तस्कर का दूसरे गुण्डे या आतंकवादी द्वारा मारा जाना क्रिया की प्रतिक्रिया को ही दर्शाता है ।