Tuesday, April 28, 2009

नौकरी और कारोबार पर शनि का प्रभाव

Your Ad Here 9 सितम्बर 2009 के उपरांत शनि साढे़साती का फल विचार वर्ष 2009 में 16 सितम्बर को शनि कन्या राशि में तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में भ्रमण करेंगे तथा पूरे साल कन्या राशि में ही रहेंगे। लगभग साढ़े तीन माह में विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले गोचर के प्रभाव को यहां उल्लेखित किया जा रहा है। मेष: मेष राशि के जातकों के लिए शनि छठे भाव में आए हैं। शत्रु , बीमारी तथा कर्जे से मुक्ति मिलेगी। वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएंगे तथा धन प्राप्ति के योग बनेंगे। वृष: शनि पंचम भाव में विचरण करेंगे। विवादों एवं झूठे प्रत्यारोप धन हानि की ओर संकेत देते हैं। मानसिक तनाव के साथ-साथ संतान से मतभेद की स्थिति आ सकती है। मिथुन: शनि की लघु कल्याणी ढैया चलेगी। पारिवारिक विवादों असंतुष्टि आर्थिक हानि के साथ-साथ खर्चों में वृद्धि से परेशानी बनेगी। विवाद तथा खिन्नता रहेगी। कर्क: तृतीय भाव में शनि सफलता , आनंद , उत्सव , नौकरी अथवा व्यापार में उन्नति के साथ-साथ धन लाभ के योग बनेंगे। शत्रुओं की पराजय के साथ-साथ सम्मान के पात्र भी बनेंगे। सिंह: स्वास्थ्य में कमी , धन हानि विवादों तथा अनावश्यक खर्चों से परेशानी का अनुभव होगा। मानसिक अशांति , पत्नी के स्वास्थ्य में गिरावट , शत्रु बाधा से परेशानी अनुभव करेंगे। शनि साढ़ेसाती की अंतिम ढैया से भी परेशानी एवं धन हानि के योग बनेंगे। कन्या: शनि साढ़ेसाती मध्य में रहेगी। पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य में कमी के कारण परेशानी होगी। शत्रुओं से भय प्राप्त , सम्मान हानि के योग बनेंगे। प्रयासों में असफलता तथा खर्चों में बढ़ोत्तरी के कारण परेशान रहेंगे। तुला: शनि साढ़ेसाती की प्रथम ढैया रहेगी। दुर्घटना से खतरा रहेगा। परिवार में विवाद तथा कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। वृश्चिक: धन लाभ के साथ-साथ स्थाई सम्पत्ति का लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे। सम्मान उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे और पारिवारिक प्रसन्नता रहेगी। धनु: बीमारी तथा परिवार में अशान्ति बनने से खिन्नता रहेगी। धन हानि के संकेत भी हैं। विवादों से बचें। सम्मान में कमी का अनुभव करेंगे। मकर: आय में कमी तथा शत्रु बाधा से परेशानी होगी। प्रयासों में असफलता से खिन्नता का अनुभव करेंगे। विवादों तथा झगड़े झंझटों से बचना बेहतर रहेगा। कुंभ : परिवार में विवाद , स्वास्थ्य में गिरावट , पत्नी को कष्ट रिश्तेदारों से अनबन तथा निन्दा के पात्र बनेंगे। असफलता के कारण खिन्नता , शत्रुओं द्वारा नुकसान की संभावना रहेगी। शनि की अष्टम लघु कल्याणी ढैया बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। मीन: परिवार में अलगाव खर्च में बढ़ोतरी से परेशानी , स्वास्थ्य में कमी तथा सदूर कष्टदायी यात्रा का योग है। पत्नी का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।

Sunday, April 26, 2009

केसर पिस्ते का दूध

सामग्री : 5 गिलास दूध, थोड़ी सी केसर, 10 बादाम, 10 पिस्ता, 4 टेबलस्पून काजू, 2 टीस्पून शक्कर, 2 छोटी इलाइची। विधि : 1. सबसे पहले केसर को गुनगुने दूध में पांच मिनट के लिए भिगो दें। इसके बाद बादाम और पिस्ता को गरम पानी में डालकर, इनके ऊपर का छिलका निकाल लें फिर बारीक काट लें। 2. अब काजू को गरम पानी में उबालकर फिर पीसकर पेस्ट बना लें। 3. छोटी इलायची के बीज निकालकर इन्हें भी पीसकर पाउडर बना लें। 4. अब दूध को उबालकर कुछ देर तक धीमी आंच पर पकाएं। 5. इसके बाद इसे लगातार हिलाते हुए काजू का पेस्ट डालें। फिर केसर और पिसी इलायची डाले। 6. अब इसे आंच से हटाकर शक्कर मिला लें। इसके बाद इसमें ऊपर से कटे हुए बादाम और पिस्ता डाले। अब इसे फ्रिज में रखकर ठंडा कर लें। अच्छी तरह ठंडा हो जाने के बाद इसे पीने के लिए प्रस्तुत करें।

ठेकुआ

सामग्री : 500 ग्राम आटा, 2 टे.स्पून नारियल, 300 ग्राम गुड़, 4 हरी इलायची, घी, 1-1/2 कप पानी, विधि : गुड़ और हरी इलायची को पीसकर पानी में घोल लें। आटे में 4 टे.स्पून घी, गुड़ का पानी और नारियल डालकर रोटी के आटे की तरह गूंध लें। गूंधे हुए मिश्रण का छोटा सा पेड़ा बनाकर सांचे पर रखें, सांचे से निकालकर गरम घी में लाल होने तक तले। ठंडा होने पर सर्व करें।

Saturday, April 25, 2009

किचन टिप्स/अब कुछ जरुरी बाते हमारी रसोई के लिए

अब कुछ जरुरी बाते हमारी रसोई के लिए सख्त नींबू को अगर गरम पानी में कुछ देर के लिए रख दिया जाये तो उसमें से आसानी से अधिक रस निकाला जा सकता है। महीने में एक बार मिक्सर और ग्राइंडर में नमक डालकर चला दिया जाये तो उसके ब्लेड तेज हो जाते हैं। नूडल्स उबालने के बाद अगर उसमें ठंडा पानी डाल दिया जाये तो वह आपस में चिपकेंगे नही। पनीर को ब्लोटिंग पेपर में लपेटकर फ्रिज में रखने से यह अधिक देर तक ताजा रहेगा। मेथी की कड़वाहट हटाने के लिये थोड़ा सा नमक डालकर उसे थोड़ी देर के लिये अलग रख दें। एक टीस्पून शक्कर को भूरा होने तक गरम करे। केक के मिश्रण में इस शक्कर को मिला दे। ऐसा करने पर केक का रंग अच्छा आयेगा। फूलगोभी पकाने पर उसका रंग चला जाता है। ऐसा न हो इसके लिए फूलगोभी की सब्जी में एक टीस्पून दूध अथवा सिरका डाले। आप देखेगी कि फूलगोभी का वास्तविक रंग बरकरार है। आलू के पराठे बनाते समय आलू के मिश्रण में थोड़ी सी कसूरी मेथी डालना न भूले। पराठे इतने स्वादिष्ट होंगे कि हर कोई ज्यादा खाना चाहेगा। आटा गूंधते समय पानी के साथ थोड़ा सा दूध मिलाये। इससे रोटी और पराठे का स्वाद बदल जाएगा। दाल पकाते समय एक चुटकी पिसी हल्दी और मूंगफली के तेल की कुछ बूंदे डाले। इससे दाल जल्दी पक जायेगी और उसका स्वाद भी बेहतर होगा। बादाम को अगर 15-20 मिनट के लिए गरम पानी में भिगो दें तो उसका छिलका आसानी से उतर जायेगा। चीनी के डिब्बे में 5-6 लौंग डाल दी जाये तो उसमें चींटिया नही आयेगी। बिस्कुट के डिब्बे में नीचे ब्लोटिंग पेपर बिछाकर अगर बिस्कुट रखे जाये तो वह जल्दी खराब नही होंगे। कटे हुए सेब पर नींबू का रस लगाने से सेब काला नही पड़ेगा। जली हुए त्वचा पर मैश किया हुआ केला लगाने से ठंडक मिलती है। मिर्च के डिब्बे में थोड़ी सी हींग डालने से मिर्च लम्बे समय तक खराब नही होती। किचन के कोनो में बोरिक पाउडर छिड़कने से कॉकरोच नही आयेंगे। लहसुन के छिलके को हल्का सा गरम करने से वो आसानी से उतर जाते हैं। हरी मिर्च के डंठल को तोड़कर मिर्च को अगर फ्रिज में रखा जाये तो मिर्च जल्दी खराब नही होती। हरी मटर को अधिक समय तक ताजा रखने के लिए प्लास्टिक की थैली में डालकर फ्रिजर में रख दें।

Friday, April 24, 2009

खस-खस इलायची ठंडाई

सामग्री : 15 बादाम (पानी में भीगे हुए), 2 टी स्पून खसखस, 2 टी स्पून सौंफ, 8 इलायची, 12 टी स्पून चीनी, 2 टी स्पून काली मिर्च, 2 टी स्पून जीरा, 300 मिली. पानी, 400 मिली. दूध, 4 टी स्पून बर्फ का चूरा। कितने लोगों के लिए : 5 विधि : 1. सभी मसालों को मिलाकर पीस लें। 2. बादाम को पीस लें। 3. पिसे हुए मसालों में पिसा हुआ बादाम मिला लें। 4. पानी और दूध मिला लें। 5. अब दूध में बादाम और मसाले वाला मिश्रण डाल दें। 6. अब इस मिश्रण को छानकर बर्फ मिला लें और ठंडा-ठंडा ही सर्व करें।

दिमागी सक्ति बढाने के आसान फार्मूले

Your Ad Here दिमागी सक्ति बढाने के आसान फार्मूले हलके फुल्के गाने किया पढाई करते समय दिमाग कुछ दूसरी बातो मै उलझा रहता है / यांनी आप एकाग्रचित नहीं हो पाते है अपने मन को एकाग्र करने का सबसे सरल उपाय है की आप रोजाना एक घंनता गाने सुनना शुरू कर दे ध्यान दे की क्लास्सिकल या वाध यंत्रो पर आधारीत म्यूजिक ही सुने इससे नकेवल आपकी सोचेने की प्रकिर्या पर असर होगा बल्कि आपका कन्सुन्त्रेशन पॉवर धीरे धीरे बढता चला जायेगा यदि आप अपनी रूटीन मै हलके फुल्के गानों को सुनना सामिल कर लेते है तो इससे आपकी मेमोरी पॉवर भी बढती चलीजायेगी

Thursday, April 23, 2009

मैंगो जूस/गर्मी में दंडक के लिए पिए

विधि : सबसे पहले केसर के दानों को चम्मच भर पानी में भिगो कर ढक दें। आम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। कुछ टुकड़ों को अलग रख दें। अब दही चीनी मिलाकर मिक्सी में चलाएं। बाकी टुकड़ों को थोड़ा मसल कर गुदा तैयार कर लें और दूध पाऊडर व कुटी बर्फ के साथ मिक्सी में डाल कर चला दें। केसर को अलग से मिला दें। तैयार सामग्री को गिलासों में पलट कर ऊपर से आम के टुकड़े व मसली हुई केसर डालकर सर्व करें। सामग्री : 500 ग्राम पके आम, 500 ग्राम दही, 150 ग्राम चीनी, दो चम्मच दूध पाऊउर, चुटकी भर केसर, बर्फ। कितने लोगों के लिए : 4

Wednesday, April 22, 2009

खाना खजाना

खाना खजाना आज मै खाना खजाना पेज की शुरूयात करने जा रही हु आशा करती हु आप सबके सहयोग से एक जीवंत कहानी घर घर की रसोई की कुछ ही दिनों मे एक नया रूप ले लेगी . आप से अनुरोध है आप सब यहाँ रुके भारतीय सभ्यता का पर्दर्शन अपनी रसोई की लजीज स्वादिस्ट वयंजन से करे . फिर वो उत्तर हो या दक्षिण पूरब हो पश्चिम सभी का यहाँ भरपूर स्वागत है अब आज के पहले वयंजन के साथ राजगिरी के परांठे सामग्री : 1 कप राजगीरे का आटा, 1 कप सिंघाड़े का आटा, 3 उबले हुए व मैश किए हुए आलू, अदरक-मिर्च का पेस्ट 1 छोटा चम्मच, सेंधा नमक 1 छोटा चम्मच, अमचूर पावडर 1 छोटा चम्मच, दालचीनी पावडर 1 छोटा चम्मच, सिके हुए जीरे का पावडर 1 छोटा चम्मच, कटा हुआ हरा धनिया, दूध 1 कप, घी। विधि : दोनों तरह के आटे में उबले हुए आलू मिला दें। इसमें बाकी बचे सभी मसाले डालकर अच्छी तरह मिला लें। दूध डालकर आटा गूँध कर 10-15 मिनट के लिए रख छोड़े। अब पराठे बनाकर घी में तल कर हरी चटनी या दही के साथ गर्मागरम परोसें।

मोक्ष

राधा का अर्थ है …मोक्ष की प्राप्ति ‘रा’ का अर्थ है ‘मोक्ष’ और ‘ध’ का अर्थ है ‘प्राप्ति’ Your Ad Here

Wednesday, April 8, 2009

ज्ञानियोंमें अग्रगण्य हनुमानजी बुद्धि, बल, शौर्य तथा साहस के देवता तो हैं ही, साथ ही वह अपने भक्तों में दया, सत्य, अहिंसा, न्यायप्रियता, सदाचार तथा परोपकार के सद्गुणों का समावेश करके उन्हें श्रेष्ठता भी प्रदान करते हैं।

श्री हनुमान जन्म महोत्सव उत्तरऔर दक्षिण भारत में अलग-अलग तिथियों और महीनों में मनाए जाते हैं। चैत्र पूर्णिमा और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर हनमानजी की जयंती शास्त्रान्तरमें वर्णित है। सेवा और भक्ति के निष्काम आदर्श हनुमान् जी का जन्म माता अंजना के उदर से चैत्र में हुआ बताया गया है। इसमें प्रमाण एवं पुष्टि का आधार है। श्रीरामजीके जन्मार्थयज्ञ से प्राप्त चरूका एक भाग जिसे चील ले उडी थी और वायु मार्ग से वह माता अजंनाको प्राप्त हुआ था जिसे उन्होंने शंकर जी का प्रसाद समझकर ग्रहण किया था।

कार्तिक में लंका विजय से अयोध्या आगमन पर माता सीताजीके पुत्र रूप में उनका जन्म दिन मनाने की परंपरा बन गई। यहीं आती है अद्भुत रामायण की कथा जिस पर गोस्वामी तुलसीदासजीने उनकी स्तुति में लाल प्रयोग किया-

लाल देह लाली लसेअरूधड लाल लंगूर, वज्र देह दानव दलन जय जय जय कपिशू। वह सीताजीके ला हैं और माताजी ने उन्हें शुभाशीषतो लंका में अशोकवाटिकामें प्रथम भेंट में ही दे दिया था। अजर अमर गुननिधिसुत होहु,करहिबहुत रघुनायकछोहू।

अयोध्या में रामजी का राज्याभिषेक होने पर उपहार स्वरूप सीता माता ने हनुमान् जी को बहुमूल्य मोतियों की माला दी। उसके मनकेतोड तोडकर उसमें हनुमान् जी सीताराम की उपस्थिति देखने की चेष्टा कर रहे हैं। वहीं टोके जाने पर अपना वक्षस्थल फाडकर अपने हृदय में युगल जोडी की उपस्थिति दिखाई तो माता जी ने कहा, वत्स मेरे पास अमूल्य तो मात्र सुहाग का सिंदूर है जिसे सीमंतमें धारण करने से हमारे स्वामी की दीर्घायु होती है। तुम भी इसमें से थोडा सा ले लो।

हनुमान् जी ने सारे शरीर में सिंदूर पोत लिया कि सीमंतमें चुटकी भर सिंदूर से श्रीराम की आयु बढती है तो मैं सारे शरीर पर सिंदूर धारण कर उन्हें अजर-अमर ही क्यों न बना दूं। तभी से उनको सिंदूर का चोला चढने लगा।

वैसे जयन्तियांतो महामानवोंसे प्रेरण ग्रहण करने के लिए ही मनाई जाती हैं और सिंदूर का चोला भी महावीर बुद्धिमान एवं प्रथम पूज्य क्रमश:हनुमान् जी, भैरों एवं गणेशजीको चढता है। हनुमान् जी पवन पुत्र हैं उनका वेग भी पवन के समान है। ज्ञानियोंमें अग्रगण्य और बुद्धिमानों में वरिष्ठ अतुलित बलधामहैं जिनके स्वामी राम हैं। जयत्यतिबलो रामोलक्ष्मणश्चमहाबल:राजा जयतिसुग्रीवो।

राघवेणाभिपालित:दासोअहंकोसलेन्द्रस्यरामस्याक्लिष्टकर्मण11

न रावणसहस्त्रंमेयुद्धेप्रतिबलंभवेत्।

अखंड ब्रह्मचर्य,तपस्या, भक्ति और सेवा से हनुमान् जी रिद्धि-सिद्धिके दाता सभी कार्यो के संपन्न होने में अमोघ सहायक संकट हरने और सुख देने वाले बन गए। जहां होती है रामकथा वहां वह अवश्य पहुंचते हैं।

ग्यारहवें रूद्रहनुमान् रामजी के दर्शन कराने में जिनको निमित्तबनाने से गोस्वामी तुलसीदासजीकृत-कृत्य हो गए। हनुमान् जी के इष्ट हैं श्रीराम जिनकी मैत्री वे स्वयं ही सुग्रीव से कराते हैं। सीता माता का पता लगाने के लिए 100योजन का समुद्र पार कर गए तो रावण की सोने की लंका भी जला दी और लक्ष्मण के प्राणों की की रक्षा के लिए धौला गिरि से संजीवनी लाने में भी सफल रहे। रामजी ने कहा कि मैं तुमसे ऋणमुक्त नहीं हो सकता तुम तो मुझे भरत भाई की तरह ही प्रिय हो। उनकी जयंती पर हम भी हनुमान् जी से बल और बुद्धि में उनके व्रत से अनुगामी हों। उनको प्रणाम करें।

अतुलितबलधामंहेमशैलाभदेहं

दनुजवनकृशानुंज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानंवानराणामधीशं

रघुपतिप्रियभक्तंवातजातंनमामि।।

अर्थात् स्वर्ण पर्वत जैसी देह, अतुलित बल के धाम, राक्षस वन के लिए अग्नि, ज्ञानियोंमें अग्रगण्य, सभी गुणों के आगार, वानरों के स्वामी, रघुपति के प्रिय भक्त पवन पुत्र को सादर नमन व प्रणाम।

मई सन् 2009

1 मई: श्रीगंगा जयंती सप्तमी, विजया सप्तमी (जम्मू-कश्मीर), श्रमिक दिवस

2 मई: श्रीदुर्गाष्टमी, बगलामुखी महाविद्या जयंती, अन्नपूर्णाष्टमी व्रत, व्यतिपात महापात प्रात: 5.55 से 10.32 तक

3 मई: श्रीसीतानवमी (जानकी जयंती) व्रतोत्सव, मैथिली दिवस

4 मई: श्रीमहावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान (जैन)

5 मई: मोहिनी एकादशी व्रत, श्रीहित हरिवंशचन्द्र महाप्रभु जयंती महोत्सव, हिताब्द 536 प्रारम्भ, लक्ष्मीनारायण एकादशी (उडीसा), नारद/शारदा एकादशी (जम्मू-कश्मीर), मंगलनाथ दर्शन-यात्रा (उज्जैन), मीनाक्षी कल्याणम् (दक्षिण भारत), विजया एकादशी व्रत (मिथिलांचल), गौतम स्वामी गणधर पदारोहण दिवस (जैन), श्रमण चतुर्विध संघ स्थापना दिवस (श्वेत. जैन)

6 मई: परशुराम द्वादशी, रुक्मिणी द्वादशी, श्यामबाबा द्वादशी-ज्योति, प्रदोष व्रत

7 मई: नृसिंह जयंती व्रत, छिन्नमस्ता महाविद्या जयंती, ओंकारेश्वर दर्शन-यात्रा

8 मई: नृसिंह चतुर्दशी व्रत (महाभागवतों का), कूर्म जयन्ती, पूर्णिमा व्रत, सत्यनारायण पूजा-कथा, आद्यशंकराचार्य कैलास-गमन तिथि, श्रीगणेश चतुर्दशी (जम्मू-कश्मीर), पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत. जैन)

9 मई: स्नान-दान की 'विशाखा' नक्षत्रयुता वैशाखी पूर्णिमा, परमपुण्यकाल प्रात: 9.31 बजे तक, बुद्ध पूर्णिमा-बुद्ध परिनिर्वाण सम्वत् 2553 प्रारम्भ, पीपल पूनम, श्रीराधारमणदेव प्राकट्योत्सव (वृंदावन), गंधेश्वरी पूजा (बंगाल), उज्जैन में अर्धकुम्भ पर्व पर शिप्रा-स्नान, वैशाख स्नान-नियम पूर्ण, रवीन्द्रनाथ टैगोर जयंती,वृन्दावन-विहार, यमराज के निमित्त जलकुंभ-दान

10 मई: जिनवर व्रत प्रारम्भ (जैन), Mother's day

11 मई: देवर्षि नारद जयंती

12 मई: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, अंगारकी चतुर्थी

13 मई: माँ आनन्दमयी जयंती

14 मई: सूर्य की वृष- संक्रान्ति रात्रि 9.40 बजे, विशेष पुण्यकाल दोपहर 3.16 बजे से सूर्यास्त तक, संकल्प में प्रयोजनीय 'ग्रीष्म ऋतु' प्रा., कल्पवासपूर्ण (हरिद्वार)

15 मई: वैधृति महापात अपराह्न 1.41 से सायं 7.44 तक 16 मई: महापंचक प्रारम्भ सायं 6.33 से

17 मई: शीतलाष्टमी (बसौडा), कालाष्टमी, त्रिलोकनाथाष्टमी (बंगाल), रानी अहिल्याबाई जयंती,Rogation Sunday (Christian)

20 मई: अचला (अपरा) एकादशी व्रत, भद्रकाली ग्यारस (पंजाब), जलक्रीडा एकादशी (उडीसा), सूर्य सायन मिथुन राशि में सायं 6.02 बजे

21 मई: एकादशी व्रत (निम्बार्क), तिथिवासर प्रात: 8.21 तक, मधुसूदन द्वादशी,Ascension Day-Holy Thursday (Christian)

22 मई: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि व्रत, वटसावित्री व्रत प्रारम्भ

23 मई: सावित्री चतुर्दशी, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत. जैन)

24 मई: स्नान-दान-श्राद्ध की ज्येष्ठी अमावस्या, वटसावित्री व्रतोत्सव, शनि जयंती, भावुका अमावस्या, Ascension Sunday (Christian)

25 मई: महापंचक सायं 4.03 तक, करिदिन, दस दिन का गंगा दशहरा स्नान प्रारम्भ, नवीन चन्द्र-दर्शन, करवीर व्रत, रोहिणी व्रत (दिग. जैन)

26 मई: रम्भा व्रत, सोपपदा द्वितीया, Zarthost-no-Diso (Parsi)

27 मई: वरदविनायक चतुर्थी व्रत, उमाचतुर्थी, महाराणा प्रताप जयंती, छत्रसाल जयंती, नेहरू स्मृति दिवस, व्यतिपात महापात देर रात 3.27 से

28 मई: श्रुतिपंचमी (जैन), सावरकर जयंती, व्यतिपात महापात प्रात: 9.33 तक

29 मई: अरण्य षष्ठी, विंध्यवासिनी महापूजा, स्कन्द (कुमार) षष्ठी व्रत, जमाई षष्ठी (बंगाल), शीतला षष्ठी (उडीसा), Shabuoth (Jewish)

31 मई: श्रीदुर्गाष्टमी, श्रीअन्नपूर्णाष्टमी व्रत, धूमावती महाविद्या जयंती, ज्येष्ठाष्टमी-मेला क्षीर भवानी (कश्मीर), अष्टमी में शुक्ला देवी का आवाहन, Whit Sunday-Pentecost (Christian)