मेरे बारे मॅ
प्रेरणास्रोत के रूप में नारी की भूमिका को सदैव ही स्वीकार किया जाता है। नारी निराशा में आशा का संचार करती है। वह कभी श्रद्धा बनकर जीवन से निराश मनु के मन में नवचेतना भरती है, कभी विद्योत्तमा बनकर मूर्ख कालिदास की प्रेरणा बनती है..
अतिथि देवो भवा
ॐ जिनदगी मैरै साथ
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