Tuesday, July 15, 2008
Monday, July 14, 2008
आजकल हमें अक्सर कम्प्यूटर के ज़रिए बढ़ रहे अपराधों के बारे में समाचार मिलते रहते हैं। हमारे कम्प्यूटर की सुरक्षा के लिए हम बहुत से पुख्ता इंतज़ाम कर लेते हैं जैसे फायरवॉल की सेटिंग बदलना या फिर ऐंटी वायरस बदलना आदि। लेकिन क्या यह विचार कभी हमारे मन में आया है कि हमारे इतने घंटे कम्प्यूटर पर काम करने का कुछ दुष्परिणाम हमारी सेहत पर भी पड़ सकता है।
जो लोग ज़्यादा वक्त कम्प्यूटर के सामने बिताते हैं वे अक्सर ही कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं जैसे पीठदर्द, आँखों में दर्द या फिर जो लोग की-बोर्ड का अधिक उपयोग करते हैं उन्हें हाथों में दर्द और नसों की अकड़न की परेशानी होना आम बात है। इन परेशानियों का लगभग सभी मामूली मान कर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
लेकिन आगे जाकर यही मामूली दर्द एक बड़ी बीमारी का रूप ले लेता है।इस बीमारी को रिपिटेटिव स्ट्रेस सिंड्रोम कहा जाता है। इस सिंड्रोम में टेंडोनाइटिस और कार्पल टनल सिंड्रोम शामिल हैं।
यह सिंड्रोम माँसपेशियों, नसों और जोड़ों के ठीक से काम ना कर पाने की वजह से होता है।
टेंडोनाइटिस सिंड्रोम में टेंडन्स पर लगातार ज़ोर पड़ने की वजह से वे जल जाते हैं। कार्पल टनल सिंड्रोम में उन नसों पर असर पड़ता है जो हथेली को उंगलियों से जोड़ती है।
अभी तक वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हुई है की कम्प्यूटर से उत्पन्न होने वाले रेडियेशन से त्वचा संबंधी या प्रेगनेन्सी संबंधी कोई परेशानी हो सकती है लेकिन फिर भी सावधानी रखना इलाज कराने से बेहतर ही माना जाता है।
इस सिंड्रोम से मात्र कुछ सावधानियाँ बरतने से बचा जा सकता है। सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि आपके काम करने की जगह आरामदायक हो। अपने कम्प्यूटर के मॉनिटर को इस तरह रखें कि आपकी आँख से उसकी दूरी आधे हाथ के बराबर हो। की-बोर्ड ऑपरेटर जहाँ तक हो ऐसा की-बोर्ड उपयोग करें जिसमें कलाई को आराम देने वाला पैड लगा हुआ हो।
माउस को ऐसी जगह पर रखें जहाँ से उसका ज़्यादा उपयोग आराम से किया जा सके और आपके कंधे और हाथों में कोई परेशानी ना हो।अपने बैठने के तरीके पर ध्यान दें।ज़्यादा देर तक एक ही जगह पर ना बैठें।
स्क्रीन पर आँखें गड़ा कर देखना भी आँखों कें लिए हानिकारक हो सकता है। इससे आप कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम से ग्रसित हो सकते हैं।कोशिश करें कि हर एक घंटे में थोड़ा ब्रेक लें।इन छोटी-छोटी सावधानियों को अपनाकर हम अनचाहे दर्द और थकान से मुक्ति पा सकते हैं।
Wednesday, July 9, 2008
धनिए की पंजीरी
सामग्री :
100 ग्राम सूखा धनिया पावडर, 50 ग्राम मावा, खोपरा बूरा 50 ग्राम, शकर बूरा 100 ग्राम, 4-5 पिसी इलायची पावडर, मेवों की कतरन 50 ग्राम।
विधि :
सर्वप्रथम मावे को किसनी से कद्दूकस करके धीमी आँच पर थोड़ा सा सेंक लें।
अब उसमें धनिया पावडर डालें व दो-पाँच मिनट भून लें। मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद खोपरा व शकर का बूरा डालकर मिक्स कर लें। अब उसमें पिसी इलायची व मेवों की कतरन डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार है धनिए की पंजीरी।
Tuesday, July 8, 2008
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प्रेरणास्रोत के रूप में नारी की भूमिका को सदैव ही स्वीकार किया जाता है। नारी निराशा में आशा का संचार करती है। वह कभी श्रद्धा बनकर जीवन से निराश मनु के मन में नवचेतना भरती है, कभी विद्योत्तमा बनकर मूर्ख कालिदास की प्रेरणा बनती है..
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