Tuesday, December 30, 2008
मेरे बारे मॅ
प्रेरणास्रोत के रूप में नारी की भूमिका को सदैव ही स्वीकार किया जाता है। नारी निराशा में आशा का संचार करती है। वह कभी श्रद्धा बनकर जीवन से निराश मनु के मन में नवचेतना भरती है, कभी विद्योत्तमा बनकर मूर्ख कालिदास की प्रेरणा बनती है..